जब भी कोई घर में नन्हा मेहमान आने वाला होता है, तो पूरा मोहल्ला जैसे जासूसी मोड में आ जाता है। किसी को पेट देखकर, किसी को चमकता चेहरा देख कर अंदाजा लग जाता है कि बेटा है, तो कोई लड्डू की क्रेविंग से अंदाज़ा लगाने लगता है कि बिटिया आएगी लेकिन अगर ये सब सही होता तो सोनोग्राफी सेंटर की ज़रूरत ही ना पड़ती, कॉलोनी की सारी आंटियां ही रिपोर्ट थमा रही होतीं, वो भी गरम परांठों के साथ!
पेट के आकार से लिंग जानना?
अक्सर लोग कहते हैं कि पेट का आकार देखकर ही उन्हें पता चल जाता है कि बेटा होगा या बेटी। जैसे- अगर पेट गोल है, तो बेटा, चौड़ा है तो बेटी। अगर चेहरा चमक रहा है तो बेटा, मुंह फीका है, तो बेटी ले गई तेरा नूर! जैसे- अमृता पुत्तर तुम्हारे चेहरे और पेट पर क्राइम ब्रांच की इन्वेस्टिगेशन चल रही है।
देख बेटा, असल में ये सब बातें सिर्फ दिल बहलाने वाली 'दादी नानी साइंस' हैं। इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। प्रेगनेंसी में खाने की इच्छा या शरीर में बदलाव हार्मोन्स और न्यूट्रिशन से जुड़े होते हैं, ना कि बच्चे के जेंडर से।
अब सुनो असली साइंस की बात
अमृता पुत्तर मोहल्ले की आंटियों से रिपोर्ट्स लेने से पहले साइंस की बात जान ले। शायद तुझे पता भी होगी लेकिन समझ कि हर इंसान के शरीर में दो तरह के सेक्स क्रोमोसोम होते हैं।
- मम्मियां हमेशा X क्रोमोसोम देती हैं,
- पापा जी या तो X देंगे (तो बिटिया) या Y देंगे (तो बेटा)
तो पुत्तर जी, बच्चा क्या होगा, ये शुरुआत में ही फाइनल हो जाता है। ऐसे समझ कि मैच फिक्स। बाद में चाहे तू पूरी दुकान खा जाए अचारों या मिठाई की लेकिन बच्चे का लिंग बदलने वाला नहीं है! यानी कि बेटा होगा या बेटी ये गर्भधारण के वक्त ही तय हो जाता है।
और हां, एक बात सुन ले!
भारत में भ्रूण का लिंग जानना गैरकानूनी है। PCPNDT Act के तहत लिंग जांच करवाना या करवाने की कोशिश करना दोनों ही दंडनीय अपराध हैं। ऐसे में डॉक्टर हो या मम्मी-पापा सभी को सज़ा हो सकती है। तो “झलक दिखला जा” वाला डायलॉग सिर्फ मूवी में अच्छा लगता है, असल ज़िंदगी में नहीं।
अब क्या करें?
अमृता पुत्तर तू एक बात समझ कि बेटा हो या बेटी- जो भी हो, वो रब की मेहर है। उसकी सेहत, उसकी मुस्कान और वो छोटी-सी उंगली जो तुम्हारी उंगली पकड़कर दुनिया से पहला रिश्ता बनाएगी, वही असली जादू है। तो प्रेगनेंसी के दौरान ध्यान दो इन बातों पर-
- अच्छा खाना खाओ
- भरपूर नींद लो
- डॉक्टर की सलाह मानो
- स्ट्रेस से दूर रहो
- अपने आने वाले बच्चे को दिल से अपनाओ
अंत में आंटी जी का मैसेज
मीठा-खट्टा खाने से बच्चा नहीं बदलता पुत्तर लेकिन तुम्हारा प्यार और देखभाल उसकी दुनिया जरूर बना सकता है। फिर मिलेंगे, एक कप चाय और ढेर सारी चटपटी बातों के साथ।
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