पीरियड्स के दौरान गुदा में तेज दर्द होना थोड़ा अजीब या चिंता वाला लग सकता है लेकिन ज़्यादातर मामलों में ये एक आम परेशानी है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जो शरीर में उस समय हो रही होती हैं। ये कई लड़कियों या महिलाओं को हो सकता है, तो चलिए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
होता है काफी तेज दर्द
हम एक बात समझ सकते हैं कि पीरियड्स में ऐसे ही कई लोगों को बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है और ऐसे में गुदा या हिप्स में दर्द होना बिल्कुल वैसा है, मानो आप कहीं बाहर गए हो और आपको कोई ऐसा मिल जाए, जिससे मिलने के लिए आप बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। हमें पता है कि ये आपको बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा।
हालांकि ये एक सामान्य बात है मगर इसके पीछे भी साइंस छिपा है। ज़्यादातर मामलों में पीरियड्स के दौरान गुदा में तेज़ दर्द होना सामान्य बात है। इस तरह के बट क्रैम्प (गुदा क्रैम्प) को मेडिकल भाषा में "प्रोक्टैल्जिया फुगैक्स" कहा जाता है। प्रोक्टैल्जिया फुगैक्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गुदा या मलाशय या हिप्स में अचानक तेज दर्द होता है, जो कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है। यह दर्द आमतौर पर बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है लेकिन कुछ मामलों में तनाव, कब्ज, या पीरियड्स जैसे कारणों से जुड़ा हो सकता है। ये भले ही कुछ देर के लिए होता है लेकिन काफी तेज़ महसूस होता है।
क्यों होता है ऐसा?
ऐसा दर्द कई वजहों से हो सकता है। जैसे-
- पीरियड्स के दौरान यूट्रस का सिकुड़ना
- पेल्विक (श्रोणि) हिस्से की मांसपेशियों में ऐंठन, जो अनजाने में और कभी-कभी दर्द के साथ होती है। ये ऐंठन यूट्रस में होने वाले बदलावों या हलचल की वजह से होती हैं, जो नितंब के पास की नसों पर दबाव डाल सकती हैं और इसी कारण वहां तेज़ दर्द महसूस हो सकता है।
- पाचन से जुड़ी दिक्कत -इस दौरान कुछ लोगों को बार-बार पॉटी आना, दस्त यानी की पेट खराब या कभी-कभी कब्ज की शिकायत हो सकती है। ये बदलाव भी नितंब और पेट के निचले हिस्से में दर्द या असहजता की वजह बन सकते हैं।
कारणों को नज़रअंदाज़ ना करो
अब ये समझना भी जरूरी है कि ऐसे दर्द के पीछे कुछ और कारण भी हो सकते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता और जब लगातार हो, तब डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। ये सभी स्थितियां पेल्विक या नितंब के पास ऐसा ही दर्द उत्पन्न कर सकती हैं। जैसे-
- एंडोमेट्रियोसिस (जब यूट्रस की लाइनिंग जैसी टिशू शरीर के दूसरे हिस्सों में बढ़ने लगती है)
- फाइब्रॉएड (यूट्रस में बनने वाली गांठें)
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) (पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या)
कब मिलना चाहिए डॉक्टर से
अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
- गुदा में बार-बार होने वाला दर्द जो जल्दी ठीक नहीं होता
- बहुत तेज़ दर्द, भले ही कुछ ही सेकंड के लिए हो
- गुदा से बार-बार खून आए
- चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
- दर्द जो गुदा से होकर शरीर के किसी और हिस्से में फैल जाए
- बुखार, ठंड लगना या गुदा से कोई असामान्य तरल स्राव
ऐसे लक्षण सिर्फ सामान्य पीरियड क्रैम्प नहीं हो सकते इसलिए समय पर जांच कराना ज़रूरी है। साथ ही खुद के शरीर पर ध्यान देना और उसमें हो रहे बदलावों को समझना भी जरूरी है।
कोई सवाल? हमारे फेसबुक पेज पर लव मैटर्स (LM) के साथ उसे साझा करें या हमारे इनबॉक्स में पूछें। हम Instagram, YouTube और Twitter पर भी हैं!