क्या यह एक वुमन हॉस्टल हैं या किसी अस्पताल का यूनिट में या कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का सेल (मुझ पर हँसिएगा मत, टाइम ही खराब चल रहा है, मैं अकेली नहीं हूँ जिसके दिमाग में 24x7 कोरोना वायरस ही चलता रहता है।) यहाँ बहुत भीड़ है और सारी औरतें बहस कर रहीं हैं। दरवाजे की घंटी बजती है और कमरे में बहस और बढ़ जाती है। ये सब क्यों लड़ रहीं हैं, हम कहाँ हैं?
मुझे अपने बॉयफ्रेंड के रूप में कोई केयरटेकर नहीं चाहिए। जिस आदमी को मैं अपने लिए चुनूँ, वह मुझे प्यार और आदर दे , मेरी यही चाहत है। मुझे रूमानी डेट्स पर जाना, फूल, मूवी, हाथों में हाथ डाले घूमना, एक दूसरे से लिपटना, चूमना प्यार में ये सब चाहिए था। यह समझना लोगों के लिए इतना मुश्किल क्यों है कि जो भी उन्हें चाहिए हो सकता, वही मैं भी चाहती हूँ। उसी तरह प्यार में पड़ना और प्यार पाना। ये बातें सृष्टि ने राइज़िंग फ्लेम से कहीं।
हम एक विकलांग, क्वियर और ट्रांस कपल हैं। हमें अपने अस्तित्व के लिए रोज़ समाज से लड़ना पड़ता है। हमें मालूम है कि न्यूक्लियर फेमिली (एकल परिवार) की मान्यता को मानने वाला यह समाज हमारे रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं करेगा। हमारी कहानी वैसी नहीं है जैसा आप बॉलीवुड फिल्मों में देखते हैं। हमारी पहली डेट पर सबसे अच्छी चीज़ ये थी कि हमने एक दूसरे के संघर्षों और अनुभवों का बहुत सम्मान किया। शिवांगी ने राइजिंग फ्लेम के साथ अपनी कहानी साझा की।
फिल्म थप्पड़ ऐसे कई घरों की अंदरूनी सच्चाई उजागर करती है जहां पुरुषों को सब कुछ करने की छूट होती है, यहां तक कि शारीरिक शोषण भी, लेकिन इसके बावज़ूद भी उनके ऊपर कोई उंगली नहीं उठा पाता।
इंडिया को उसका पहला समलैंगिक रोमकॉम मिल गया है और नए राज और सिमरन भी - यानी अमन और कार्तिक! लव मैटर्स इसके निर्माताओं को सुपर से भी ऊपर वाली शाबासी देता हैं और इस फिल्म को तीन विशाल लव मैटर्स दिल!
अर्णव को बिलकुल भी मालूम नहीं था कि उसे काव्या कितना पसंद करती थी. उसके दिल का एक हिस्सा चाहता था कि अर्णव को इस बारे में तब ही बता दे जब वो लंच ब्रेक में पानी की बोतल लेने आया था, पर किस चीज़ ने काव्या को ऐसा करने से रोक लिया था? उन्होंने अपनी कहानी राइजिंग फ्लेम से साझा की।
मेरे नए काम की जगह ऐसी है जहाँ मैं अपने पूरे अस्तित्व के साथ शुरू से ही सहजता से काम कर पा रही हूँ। इसके लिए मैं भारत के पहले एलजीबीटी जॉब मेले राइज़ की शुक्रगुजार हूँ जिसकी वजह से मुझे ऐसी नौकरी मिली जहाँ मैं अपने पूरे वज़ूद के साथ आज़ादी से काम कर सकती हूँ। कुसुम ने अपनी कहानी लवमैटर्स इंडिया के साथ साझा की है।
जब सोनल, एक ट्रांसवुमेन, बैंगलोर में शिफ्ट हुई और उन्होंने एक नई कंपनी में जॉब करना शुरू किआ, तो उन्हें क्या पता था कि उसका एचआर न केवल उनके रहने के लिए घर ढूंढने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि उनके पास इस्तेमाल करने के लिए जेंडर न्यूट्रल बाथरूम हो। उन्होंने राइज (RISE) जॉब फेयर के माध्यम से एलजीबीटीक्यू संवेदनशील कार्यस्थल पर नौकरी हासिल की और लव मैटर्स के साथ अपनी कहानी साझा की।