वैज्ञानिकों ने एक नवीनतम तकनीक की खोज की है जिसके माध्यम से अब हम प्रेगनेंसी की चिंता किए बिना सेक्स कर सकते हैं। और हां कॉन्डोम लगाने की भी जरूरत नहीं है। कैसे? पढ़ते रहिये!
मैं अपनी सहेलियों के साथ थी, हमने एक खेल खेलना शुरू किया। एक एक करके, सब लड़कियों को अपनी यौन कल्पनाओं के बारे में बताना था। मुझे नहीं पता कब और क्यों मेरी बारी रह गयी?
रचना ने विशाल को अपने फ्लैट में बुलाया। दोनों ने ड्रिंक्स ली, एक दूसरे का हाथ पकड़कर डांस भी किया। लेकिन फिर रचना ने विशाल को आधी रात को फ्लैट से बाहर निकाल दिया गया। आखिर रचना को किस बात पर गुस्सा आया? विशाल ने लव मैटर्स के साथ अपनी कहानी शेयर की।
भारत में गर्भ समापन 1971 से ही कानूनी रूप से मान्य है, लेकिन इसके साथ कई तरह की शर्तें भी जुड़ी हुई हैं꠰ अब 2021 में कानून बदलने वाला है जिसमे अबॉरशन से जुडी कुछ शर्तों में कटौती होगी꠰ आइये देखते हैं कि ये नए बदलाव क्या हैं?
साना और समीर कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं लेकिन कैसे करें? ये पता नहीं था। इस बारे में किससे सलाह लें? और इस प्रक्रिया में किन-किन डाक्यूमेंट्स की जरूरत होगी? दोनों ऐसे प्रश्नों से घिरे थे! क्या आप भी ऐसे सवालों से जूझ रहे हैं? तो अब यह लेख आपकी मदद करेगा।
राधिका ने कुछ समय पहले एक शिशु को जन्म दिया था और उसे जिज्ञासा है कि उसकी माहवारी फिर से सामान्य कब होगी? और वह यह भी जानने के लिए उत्सुक है कि लोचिया (प्रसव के बाद का योनि स्राव )और माहवारी में क्या अंतर है ? लव मैटर्स का यह आर्टिकल , प्रसव के बाद माहवारी से सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर देने में सहायक होगा।
'हमें अपने चारों ओर एक ही तरह के रिश्तें नज़र आते हैं। नियमित रूमानी रात वाली डेट्स, जो अक्सर बाहर होती है...एक साथ ट्रिप्स, वक़्त-वक़्त पर सेक्स और बहुत सी ऐसी युगल जोड़ो वाली बातें। ऐसी कई चीज़ें हमारे लिए फिट नहीं बैठती और मेरी विकलांगता ने इन्हे और भी मुश्किल बना दिया था। ऐसे ‘तौर तरीकों’ को चुनौती देना आसान नहीं, जिन्हे समाज ना केवल स्वीकृति देता है, बल्कि पुरस्कृत भी करता है’ श्रीनिधि राघवन ने राइज़िंग फ्लेम को अपनी कहानी बताते हुए कहा।
कभी-कभी साधारण चीज़ों की चाह सबसे ज्यादा होती है, और मैं चाहती थी कि उसका ध्यान मेरी ओर हो। मैंने उसे या किसी और को कभी नहीं बताया कि मुझे कैसा महसूस होता है पर मैं मन ही मन उससे प्यार करती थी। मेरी ज़िन्दगी उस तमिल गाने ‘कनाबाथेलम ... कधालाड़ी’ (मैं जो भी आस-पास देखती हूँ, सब प्यार जैसा लगता है) के जैसी लगने लगी थी। डॉक्टर दीपा वी. राइजिंग फ्लेम से अपनी कहानी बताते हुए कहती हैं।