जब मुझे गुदगुदी होती है, तो मेरा लिंग खड़ा हो जाता है। क्या यह नॉर्मल है?

जब मुझे गुदगुदी होती है, तो मेरा लिंग खड़ा हो जाता है। क्या यह नॉर्मल है?

द्वारा Aunty ji फरवरी 10, 04:52 बजे
जब मुझे गुदगुदी होती है, तो मेरा लिंग खड़ा हो जाता है। क्या यह नॉर्मल है? यह सवाल हमारे एक पाठक ने पुछा की क्या गुदगुदी महसूस होने से उत्तेजना होती है? आपको क्या लगता है - क्या गुदगुदी और सेक्सुअल उत्तेजना के बीच क्या संबंध है।

कुछ लोगों को गुदगुदी करना और करवाना बहुत पसंद होता है। एक रिसर्च बताती है की सब कुछ त्वचा से शुरू होता है।

कुछ लोगों के लिए गुदगुदी एक बड़ी उत्तेजना का कारण बन सकती है। कुछ मामलों में, इससे संभोग/ऑर्गेज्म का सुख भी मिल सकता है। इसमें भले ही जननांगों को छुआ भी न गया हो।

18 साल के माधव ने लव मैटर्स को लिखा:
 

 "मेरी गर्लफ्रेंड्स ने मुझे पूरे शरीर पर गुदगुदी की और मैं हिल भी नहीं सका। बेशक, यह मेरी मंजूरी से हुआ था। जब उसने मेरे बगलों, छाती, पेट और पैरों पर गुदगुदी की, तो मेरा लिंग बहुत ज़ोर से उत्तेजित/खड़ा हो गया।"

माधव बताते हैं कि उन्होंने अब तक सेक्स नहीं किया है लेकिन गुदगुदी का यह अनुभव उनके लिए सबसे करीब था। इससे उनका वीर्यपात हो गया। उन्होंने ईमेल करके पूछा, "क्या मैं नॉर्मल हूं?"

इस पर हमारे डॉक्टर ने छोटा सा जवाब दिया – "हां, बिल्कुल!"

वे कहते हैं, "सब कुछ त्वचा से शुरू होता है।" त्वचा इंसान के सबसे संवेदनशील और कामुक अंगों में से एक है। हां, यह पूरे शरीर पर होती है इसलिए उत्तेजना महसूस करने के कई तरीके होते हैं।

इसी वजह से माधव का अनुभव बिल्कुल सामान्य है।

सेक्स के दौरान गुदगुदी

गुदगुदी, जिसे टिकलिंग भी कहा जाता है, उससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर आसानी से मिल सकते हैं। इनमें आमतौर पर दोस्तों के बीच मस्ती भरा माहौल दिखाया जाता है ना कि सेक्स करते हुए।

कई बार इस तरह से उत्तेजना हासिल करने वाले लोग कपड़े पहने होते हैं लेकिन कभी-कभी वे बहुत कम या बिल्कुल नग्न भी हो सकते हैं। अक्सर उन्हें बांध दिया जाता है और जब उनके पैरों या बगलों में गुदगुदी की जाती है, तो वह हंसने लगते है।

जिन लोगों को गुदगुदी के जरिए ऑर्गेज्म लेना पसंद होता है, वे चाहे तो अपने पार्टनर के साथ एक खास शब्द तय कर सकते हैं, जिसे कहने पर गुदगुदी रोक दी जाए। ऐसा ही कुछ सैडोमैसोकिज्म (S&M) में भी होता है, जब चीखें हंसी की बजाय दर्द की होती हैं।

हमारा शरीर और गुदगुदी

सेक्सोलॉजिस्टों के अनुसार, अक्सर लोग अपनी भावनाओं के बारे में चर्चा करने से हिचकिचाते हैं, परंतु यदि सभी की सहमति हो तो गुदगुदी का शौक रखना गलत नहीं है। बल्कि, ऐसा करने से व्यक्ति को लाभ भी हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गुदगुदी के दौरान मस्तिष्क में एक विशेष अमीनो एसिड का स्राव होता है, जिससे आनंद, उत्तेजना और यहां तक कि सेक्स के सुख की अनुभूति भी हो सकती है। इसके साथ ही, भावनात्मक स्तर पर भी यह खुशहाली लाने में सहायक सिद्ध होता है, विशेषकर प्रेमपूर्ण रिश्तों में।

गुदगुदी किसी भी शारीरिक अंग पर की जा सकती है, जैसे कि बगल, पैर के तलवे, टांगें या नितंब। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि त्वचा का कोई भी हिस्सा गुदगुदी महसूस कर सकता है, जो व्यक्ति के शरीर की बनावट और उसकी संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। गुदगुदी से संबंधित अधिकांश प्रश्न पुरुष ही पूछते हैं।

हालांकि, इसके सही कारण के बारे में अभी तक निश्चित जानकारी नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की वजह से हो सकता है, या फिर पुरुषों के मस्तिष्क की संरचना से जुड़ा हो सकता है। साथ ही, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी इसके एक संभावित कारण के रूप में देखे जाते हैं।

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