घर से दूर, पर प्यार से पास
बेटा जी, हर लड़की के दिल में मायके की दीवाली की खुशबू बस जाती है — लेकिन शादी के बाद जब नया रिश्ता शुरू होता है, तो वहीं से एक नई कहानी भी शुरू होती है। अब तेरे पास एक साथी है, जिसके साथ तू अपनी नई दीवाली की यादें बना सकती है। उसे अपने बचपन की बातें बता, फोटो दिखा, साथ में तेरे मम्मी-पापा को वीडियो कॉल कर। यही तो असली साथ है - जब दो लोग सिर्फ घर नहीं, जज़्बात भी शेयर करते हैं।
यादें दिल में, रोशनी आंखों में
दीवाली का मतलब सिर्फ पटाखे नहीं, दिलों का कनेक्शन है। जब तू अपने पार्टनर के साथ पूजा करती है, घर सजाती है या मिठाई खिलाती है, तो ये सिर्फ रस्म नहीं — रिश्ते में प्यार का तिलक है।
उससे खुलकर बोल, "मुझे आज मम्मी-पापा की बहुत याद आ रही है, लेकिन अच्छा लग रहा है कि तुम मेरे साथ हो।” ऐसे लम्हे एक-दूसरे के करीब लाते हैं।
टेक्नोलॉजी की मदद लो
पुत्तर जी, आजकल हर बात मोबाइल से होती है मगर हाथ से लिखा एक छोटा-सा खत दिल छू जाता है। चाहो तो मम्मी को अपने मन की बातें लिखकर बताओ। जैसे- "आपके बिना दीवाली अधूरी लगती है मगर आपकी रेसिपी से लड्डू बिल्कुल वैसे ही बने हैं।” पापा को लिख सकते हो- "इस बार बालकनी में वही लाइट्स लगाईं हैं, जैसे आप सजाते थे।” ऐसे खत ना सिर्फ यादें ताज़ा करते हैं बल्कि रिश्तों को और गहरा बनाते हैं।
और शोभा बेटा, अगर लिखने का वक्त नहीं है, तो दिवाली वाले दिन उन्हें वीडियो कॉल कर लो। उनके सामने बैठकर दीये जलाओ, मिठाईयां खाओ और उनके साथ बैठकर दीवाली के कुछ पल साझा करो कि तुमने इस साल क्या नया किया?
परंपराएं भी सेक्सी हो सकती हैं
नए घर में तेरी अपनी स्टाइल जोड़। मायके की रेसिपी, तुम्हारी फेवरेट लाइट्स, और पार्टनर के साथ मिलकर सजावट — इससे ना सिर्फ घर खूबसूरत बनेगा, बल्कि रिश्ता भी। साथ में हंसना, फोटो क्लिक करना, हाथों में दीया लेकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देना!
अपने पार्टनर को त्योहार का हिस्सा बनाओ
शोभा बेटा, तेरा पति केवल जिम्मेदारियां बांटने या केवल मिठाईयां खाने के लिए नहीं है बल्कि तू उससे अपने मम्मी-पापा की बातें कर, उनके किस्से अपने पार्टनर से शेयर करो। साथ में घर सजाओ, पूजा करो और जरूरतमंदों के बीच जाकर मिठाईयां बांटो। जब दो लोग मिलकर एक त्यौहार को मनाते हैं, तो उस घर में नयी यादें बनती हैं और पुराने रिश्तों की खुशबू भी फैलती है।
खुद को थोड़ा समय दो
बेटा जी, मैं अपने अनुभव से कह रही हूं — हर दिल में थोड़ा सा “कभी खुशी कभी ग़म” रहता है! उदासी आना नॉर्मल है, लेकिन उसे “इंटरवल तक” ही रहने देना। सोच, अगर तू घर पर रूठ जाती तो तेरे मम्मी-पापा कैसे हंसते? अब तू ही उनकी मुस्कान है। तो ज़रा “कभी अलविदा ना कहना” वाला मुस्कुरा दे, पुरानी फोटो देख और दीवाली के दीये जलाने से पहले दिल में रोशनी जला।
आंटी जी के खास रिश्ते वाले टिप्स
- वीडियो कॉल वाली पूजा: अपने मायके और ससुराल दोनों को साथ जोड़ो।
- कपल सेल्फ-केयर: त्यौहार में बस घर नहीं, एक-दूसरे का भी ध्यान रखो।
- “हमारी पहली दीवाली” रिवाज बनाओ: हर साल एक नई चीज़ एक साथ करो — वो तुम्हारा छोटा-सा कपल रिचुअल होगा।
- स्पर्श की मिठास: मिठाई के साथ एक हल्की झप्पी या प्यार भरा टच भी देना मत भूलो।
अब चल बेटा जी, दीये जलाओ, टेंशन नहीं! और याद रखो, ज़िंदगी भले कभी खुशी कभी ग़म लगे, लेकिन अंत में मिठाई तो एक्स्ट्रा ही मिलती है! ज़रा मुस्कुरा दो, ताकि पड़ोसी सोचें कि तुम्हें दिवाली बोनस मिला है, न कि आंटी जी का इमोशनल लेक्चर!
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