कोराना वायरस की महामारी के कारण लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना और दोस्तों से मिलना जुलना पूरी तरह बंद हो गया है, ज़िंदगी एकदम नीरस हो गई है और कुछ मज़ेदार करने को बचा ही नहीं है। है ना? यहां तक कि ऐसे समय में बाल कटवाने और आईब्रो बनवाने के बारे में सोचना भी शायद फ़िजूल ही है। यदि आप घर में बैठे-बैठे ऊब गए हैं और आपको तनाव, बेचैनी होने के साथ ही गुस्सा भी आ रहा है तो घबराएं नहीं, ऐसा होना लाज़िमी है और यह हर किसी के साथ हो रहा है। इस कठिन समय में अपनी देखभाल करें और ख़ुद से ख़ूब प्यार करें।
आसान शब्दों में कहें तो, सेल्फ केयर मतलब ख़ुद की देखभाल करना, सिर्फ़ इमोशनली ही नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी अपना ख्याल रखना। लेकिन ये करें कैसे? तो चलिए अब शुरु करें?
पुरुष बिना काम घर बैठे हैं, खाने पीने की चीज़ो की कमी हैं, महिलायें बिना किसी मदद बहुत सारे काम संभाल रही है। गुस्सा हैं, फ़्रस्ट्रेशन है मगर मुस्कुराहट भी। लव मैटर्स इंडिया ने बिहार में रहने वाले युवाओं से पूछा की वह इस कठिन समय का कैसे मुकाबला कर रहे हैं?
स्वास्थ्य सलाह और जानकारी को फ़िल्टर करना महत्वपूर्ण है। यह जानना जरूरी है कि क्या सच है और क्या नकली है, विशेष रूप से गंभीर स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में और ऐसी परिस्थितियों में जब सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति में लोगों में दहशत होती है, हमें कुछ सकारात्मक समाचार या निश्चितता की सख्त ज़रूरत होती है। लव मैटर्स स्वास्थ्य से जुड़े समाचार को परखने के लिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स लाया है।
अगर अब तक आप अकेले रह रहे थे, चाहे किसी और शहर में वो पढ़ाई के सिलसिले में रहना हो या फिर काम के चक्कर में, ये परिवार के साथ जबरन जो समय बिताना पड़ रहा है, बहुत मुश्किल साबित हो रहा है. आइये तो इसी ख़ास वक़्त के लिए हम लेकर आये हैं, आपके लिए कुछ मम्मी -पापा के साथ रहने के कुछ टिप्स, जिससे इस कोरोना वायरस के लॉक डाउन पीरियड में भी आप अपनी निजता को खोये बिना खुश मन से रह सकते हैं.
अर्पण अपने लैपटॉप पर कुछ लिख कर रहा था तभी पूनम ने धीरे से उसका हाथ अपने टी शर्ट के अंदर डाल लिया। कोरोना लॉकडाउन के दौरान दोनों के प्यार की चिंगारी एक बार फिर से भड़क गयी। पढ़ें दोनों की कहानी में आख़िर प्यार का तड़का कैसे लगा।
करन बर्तन साफ़ करने में मेरी मदद कर रहे थे, मेरा बेटा खाना बनाने में तो बेटी घर की साफ़-सफ़ाई में। जो सालों तक सिखाने और कहते रहने के बावज़ूद हमारे घर में नहीं हुआ, वो कुछ दिनों के लॉकडाउन में हो गया। कभी-कभी संकट की घड़ी हमारे लिए अच्छी साबित हो जाती है। वाणी ने लव मैटर्स इंडिया से अपनी कहानी शेयर की।
दो दिन में ही मुझे करन की बहुत याद आने लगी। हम दोनों व्हाट्सएप और फ़ोन पर चैट करते लेकिन तसल्ली नहीं मिल रही थी। फिर वह अपने घर जयपुर चला गया। वहां से वह हर समय बात नहीं कर पाता था। मेरे मम्मी-पापा ने मुझे बैंगलोर आने के लिए मना कर दिया क्योंकि फ्लाइट में भी कोरोना का डर था। मैं अपने फ्लैट में फंस गयी थी। साक्षी ने लव मैटर्स इंडिया से अपनी कहानी शेयर की।