दोनों ही ऑपरेशन के लिए आपको निश्चेतक दिया जाता हैI निश्चेतक भी दो प्रकार के होते हैं: एकजिसमें ऑपरेशन के दौरान निद्रावस्था में होते हैं और दूसरा जिसमें केवल गर्भाशय को इंजेक्शन के द्वारा सुन्न कर दिया जाता है और पूरे ऑपरेशन के दौरान आप सचेत रहते हैंI
शल्य गर्भपात के बाद उलटी या बेहोशी हो सकती है और पेट में दर्दनाक मरोड़ें भी हो सकते हैंI
• वैक्यूम एस्पिरेशन (15 हफ़्तों की गर्भावस्था तक):
इस प्रक्रिया में भ्रूण को कोख में से एक ट्यूब की मदद से बाहर खींचा जाता है जिसमें 3 से लेकर 10 मिनिट तक का समय लगता हैI गर्भावस्था को कितने हफ्ते गुज़र चुके हैं उस आधार पर महिला को ऊपर दिए गए दो में से एक निश्चेतक दिया जाता हैI ऑपरेशन से कुछ समयपहले गर्भाशय को चौड़ा कर दिया जाता है और उसे थोड़ा कोमल भी बना दिया जाता हैI ऑपरेशन के बाद उसी दिन घर भी जा सकते हैंI शुरू के 2-3 दिनों में भारी रक्तस्त्राव होता है जो 9-10 दिनों तक ही रहता है लेकिन कभी-कभी यह तीन हफ़्तों तक भी चल सकता हैI यहगर्भपात करने का एक सुरक्षित तरीका समझा जाता हैI
• सर्जिकल डाईलेशन और इवाकुशन (गर्भवस्था के 12-14 हफ्ते गुजरने के बाद):
वैक्यूम एस्पिरेशन के समान: गर्भाशय ग्रीवा को बेहद आराम से चौड़ा किया जाता है। इस प्रक्रिया में दो घंटे से लेकर दो दिन तक का समय लग सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी गर्भावस्था को कितने दिन गुज़र गए हैं। चिमटी और ट्यूब की मदद से भ्रूण कोबच्चेदानी से बाहर खींचा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 10-20 मिनट का समय लगता है और आप उसी दिन घर भी जा सकते हैं। अगले 21 दिन तक आपको थोड़ा रक्तस्ताव हो सकता हैI
• डाईलेशन और क्यूरेटैग (डी एंड सी):
इस प्रक्रिया में गर्भाशय ग्रीवा को चौड़ा करने के बाद उसमे से भ्रूण और गर्भनाल को कुरेद कर बाहर निकाला जाता हैI विश्व स्वास्थ्य संस्थान, वैक्यूम एस्पिरेशन प्रक्रिया को ज़यादा सुरक्षित मानता हैI उनके अनुसार डी एंड सी को एक बेहद अभ्यस्त डॉक्टर के द्वारा ही किया जानाचाहिए और वो भी उपयुक्त देखरेख में।
विलम्बित गर्भपात
24 हफ़्तों की गर्भवस्था तक गर्भपात करवा सकते हैं, लेकिन 20 हफ्ते गुजरने के बाद हॉस्पिटल में एक दिन के लिए रहना पड़ेगा फ़िर चाहे गर्भपात चिकित्सीय हो या ऑपरेशन के द्वाराI
•विलम्बित गर्भपात- चिकित्सीय (20-24 हफ़्ते):
प्रोस्टाग्लेंडिन (एक किस्म का हार्मोन) को इंजेक्शन के द्वारा गर्भ के अंदर डाला जाता है और यह पेट के अंदर 6-12 घंटों के लिए वैसे ही मरोड़ें उत्पन्न करता है जैसे प्रसव पीड़ा के दौरान होते हैं। यह सचेत अवस्था में होता है लेकिन डॉक्टर आपको दर्द से राहत दिलवा दे देते हैंIइस प्रक्रिया के बाद डाईलेशन और इवाकुशन (ऊपर समझाया गया है) की मदद से गर्भाशय को अच्छे से साफ़ कर दिया जाता हैI
•विलम्बित शल्य दो-पड़ाव गर्भपात (20-24 हफ़्ते)
जैसा ऊपर वर्णित है, सर्जिकल फैलाव और निकासी (डी एंड ई) के लिए, आमतौर पर इस प्रक्रिया से पहले गर्भाशय को खोलने के लिए पहले उसे नरम किया जाता है। इसमें 2 घंटे से लेकर 2 दिन तक का समय लग सकता है। चिमटियों और चूषण ट्यूब की मदद से गर्भाशय में से भ्रूण ऊतक निकाल दिए जाते हैंI प्रक्रिया में 30 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है, और आप उसी दिन घर जा सकते हैं। पहली तिमाही के बाद होने वाले गर्भपात में भारी मात्रा में रक्तस्त्राव होने की संभावना होती हैI